Bluetooth Kya Hai | ब्लुटूथ के फ़ायदे और नुक़सान

दोस्तों कुछ टाइम पहले ब्लुटूथ का इस्तेमाल एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में डेटा को ट्रांसफ़र करने के लिए किया जाता था और आज भी सभी डिवाइसेज में ब्लुटूथ का ऑप्शन आता है तो आप जानते होंगे कि ब्लुटूथ क्या है(Bluetooth Kya Hai), आज के आर्टिकल में हम इसके बारे में गहराई से बात करेंगे.

दोस्तों ब्लुटूथ का इस्तेमाल आज के समय में फाइल ट्रांसफ़र करने के लिए लगभग ना के बराबर हो गया है क्योंकि आजकल टेक्नॉलोजी काफ़ी बढ़ गई है जिससे फाइल ट्रांसफ़र करने के लिए अब पहले के मुक़ाबले में काफ़ी कम टाइम लगता है, लेकिन आज भी इस टेक्नॉलोजी की जगह कोई दूसरी टेक्नॉलोजी नहीं ले सकती है.

ब्लुटूथ क्या है (Bluetooth Kya Hai)

ब्लुटूथ एक वायरलेस टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल कम दूरी पर बिना किसी केबल और तार के डेटा ट्रांसफ़र करने के लिए किया जाता है और इस टेक्नोलॉजी को बिना तार के डेटा को भेजने के लिए बनाया गया था.

ब्लूटूथ दो डिवाइसों के बीच कनेक्शन बनाने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करता है जो की 2.4 GHz फ़्रीक्वेंसी रेंज में शुरू होता है और यह फ़्रीक्वेंसी होपिंग स्प्रेड स्पेक्ट्रम नाम की टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है.

यह टेक्नोलॉजी ब्लूटूथ को उसी फ्रीक्वेंसी रेंज में काम करने वाले अलग-अलग डिवाइसेज, जैसे वाई-फाई नेटवर्क, माइक्रोवेव ओवन और कॉर्डलेस फोन के बीच में interference को रोकती है जिससे ब्लुटूथ सिर्फ़ आपकी डिवाइस से कनेक्शन बनाने के लिए तैयार होता है.

ब्लूटूथ का सबसे पहला मक़सद होता है आपके स्मार्टफ़ोन, टैबलेट, कंप्यूटर, हेडफ़ोन, स्पीकर, स्मार्टवॉच या और भी कोई अलग डिवाइसेज जिनमें डेटा ट्रांसमिशन की सुविधा हो, यह ऑडियो स्ट्रीमिंग, फाइल ट्रांसफर, वायरलेस प्रिंटिंग, डिवाइस कंट्रोल और डेटा सिंक्रोनाइज़ेशन सहित कई प्रकार के एप्लीकेशन को सपोर्ट करता है.

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Bluetooth Range

दोस्तों ब्लूटूथ कनेक्शन की आमतौर पर एक सीमित range होती है, आमतौर पर यह 30 फीट (10 मीटर) तक होती है लेकिन टेक्नोलॉजी के नए-नए varion के साथ इसे बढ़ाया भी जा सकता है.

ब्लूटूथ का कनेक्शन बनाने के लिए ब्लूटूथ का उपयोग करने वाले सभी डिवाइसों को पास-पास होना चाहिए क्योंकि ब्लूटूथ की यह शॉर्ट-रेंज प्रकृति यह तय करती है की आपका डेटा ट्रांसफ़र सुरक्षित रहे और बीच में कोई other डिवाइस कनेक्ट ना हो पाए.

ब्लुटूथ के फ़ायदे(Advantages of bluetooth)

Wireless Connectivity: ब्लूटूथ केबल या physical कनेक्शन के बिना devises के बीच वायरलेस कनेक्टिविटी करता है. यह स्मार्टफ़ोन, टैबलेट, लैपटॉप, हेडफ़ोन, स्पीकर, कीबोर्ड आदि को कनेक्ट करने के ब्लुटूथ काफ़ी बेहतर उपाय है.

Low Power Consumption: इस टेक्नोलॉजी को इस प्रकार बनाया गया है ताकि आपके डिवाइस कि बैटरी कम से कम खपत हो क्योंकि इस टेक्नोलॉजी में डेटा ट्रांसफ़र करने के लिए रेडियो तरंगों का इस्तेमाल किया जाता है.

Easy to Use : ब्लुटूथ का इस्तेमाल करना काफ़ी आसान है ब्लूटूथ डिवाइसों को जोड़ने में आमतौर पर एक यूजर के अनुकूल इंटरफेस के माध्यम से आस-पास के उपकरणों को खोजने और कनेक्ट करने की एक सरल प्रक्रिया शामिल होती है. एक बार पेयर हो जाने के बाद, रेंज में होने पर डिवाइस अपने आप से कनेक्ट हो सकते हैं.

Multi-Device Connectivity : ब्लूटूथ एक साथ कई डिवाइसों से कनेक्शन बना सकता है. उदाहरण के लिए, आप टेबलेट के साथ ब्लूटूथ कीबोर्ड का उपयोग करते हुए भी ब्लूटूथ हेडसेट को स्मार्टफोन से कनेक्ट कर सकते हैं. एक साथ कई डिवाइसों को जोड़ने की यह क्षमता ब्लूटूथ को Multi-Device Connectivity की श्रेणी में डालता है.

ब्लुटूथ के नुक़सान(Disadvantages of bluetooth)

Limited Range : ब्लुटूथ की सीमा कम दूरी तक ही सीमित होती है जिससे आप अलग-अलग जगह बैठे अपना डेटा ट्रांसफ़र नहीं कर सकते हैं इसके अलावा अगर आपकी डिवाइस कम दूरी पर और बीच में कोई दीवार या फिर कुछ और बाधा है तो भी आप डेटा ट्रांसफ़र नहीं कर सकते हैं क्योंकि ब्लुटूथ रेडियो तरंगों पर काम करता है.

Interference : जैसे की आपने ऊपर पढ़ा की ब्लूटूथ 2.4 GHz फ़्रीक्वेंसी रेंज में शुरू होता है, जिसका उपयोग और भी वायरलेस डिवाइस जैसे वाई-फाई राउटर, कॉर्डलेस फोन और माइक्रोवेव द्वारा भी किया जाता है जिसके कारण खराब performance या कनेक्शन ड्रॉप भी हो सकता है.

Data Transfer Speed : ब्लुटूथ के लेटेस्ट वर्जन में Data Transfer की Speed बढ़ी है लेकिन अब भी आप बड़ी फ़ाइल्स को ब्लुटूथ के इस्तेमाल से कम टाइम में नहीं भेज सकते हैं क्योंकि बड़ी फ़ाइल्स को ट्रांसफ़र करने के लिए ब्लुटूथ काफ़ी ज़्यादा टाइम लेता है तो इसी कारण इससे समय की खपत ज़्यादा होती है.

Power Consumption : ब्लुटूथ टेक्नोलॉजी के डिज़ाइन इसी तरह से किया गया था ताकि डिवाइस कि बैटरी की कम खपत हो लेकिन अगर आप अपनी डिवाइस का ब्लुटूथ हमेशा चालू रखते हैं तो यह आपके डिवाइस की बैटरी लाइफ कम कर सकता है.

Conclusion

कुल मिलाकर, ब्लूटूथ आज की टेक्नॉलोजी का एक अंग बन गया है, जो डिवाइसों के बीच वायरलेस कनेक्टिविटी को अच्छे तरीक़े से बनाता है और हमारे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों के साथ कम्युनिकेशन करने और उसको कंट्रोल करने के तरीके को आसान बनाता है.

दोस्तों आजकल ब्लुटूथ का उपयोग सबसे ज़्यादा ऑडियो डिवाइसों को कनेक्ट करने के लिए किया जा रहा है. उम्मीद है दोस्तों आज के आर्टिकल Bluetooth Kya Hai में आपने कुछ नया पढ़ा होगा.

ध्यवाद….

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