इंटरनेट का इतिहास | History of Internet In Hindi

History of Internet – इंटरनेट क्या है इसके बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इंटरनेट का इतिहास क्या है और 1960 से लेकर अब तक इंटरनेट कैसे विकसित हुवा?

क्या इंटरनेट फ्री है क्योंकि इंटरनेट के लिए तो हमें पैसे देने पड़ते हैं और लिमिट का डेटा मिलता है तो फिर इंटरनेट फ्री कैसे हुवा ? लेकिन दोस्तों इंटरनेट फ्री है जिसके बारे में आपको आगे पीढ़ने को मिल जाएगा इसलिए आज की पोस्ट को शुरुवात से लेकर अंत तक ज़रूर पढ़ें ताकि इंटरनेट से जुड़े सभी सवालों के जवाब आपको मिल जाए.

इंटरनेट क्यों बना ?

दुनिया का पहला कंप्यूटर जिसको ENIAC(Electronic Numerical Integrator and Computer) नाम से जाना जाता था और यह 14 फ़रवरी 1946 को आया था.

उस समय कंप्यूटरों की साइज काफ़ी बड़ी और वजन में काफ़ी भारी होते थे और एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा को भेजने के लिए या तो किसी आदमी को दूसरे कंप्यूटर के पास जाना पड़ता था या फिर डाक के ज़रिए चुंबकीय कंप्यूटर टेप भेजे जाते थे तब जाकर डेटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में भेजा जा ससकता था.

लेकिन इस काम में सबसे बड़ी चुनौती तब होती थी जब दो कम्प्यूटरों की दूरी सैकड़ों किलोमीटर हो जाती थी, तो इस परिस्थिति में डेटा भेजने का खर्च काफ़ी ज़्यादा होता था.

अकेले खर्च की भी बात नहीं है और भी काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता था जैसे डेटा चोरी आदि.

इन सब करणों के कारण रिसर्चर्स नें सोचा की क्यों ना एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जाये जिसके इस्तेमाल से एक जगह बैठे-बैठे एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा को भेजा जा सके बिना किसी परेशानी के, और ऐसे करते-करते फिर इंटरनेट आया जिसको सबसे पहले ARPANET कहा गया.

इसके बारे में आगे और ज़्यादा गहराई से बताया गया है जिसको पढ़ना चाहिए.

History of Internet

दोस्तों इंटरनेट की शुरुवात 1960 में हुई थी जिसका सबसे बड़ा कारण सरकार थी, चलिए इसको अब आगे आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं.

दोस्तों इंटरनेट के आने का सबसे बड़ा कारण US की Department of Defence है जिसने ARPA(Advance Research Project Agency) से कहा कि एक ऐसा सिस्टम तैयार करो जिसके ज़रिए डेटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में भेजा जा सके बिना किसी परेशानी के,

फिर ARPA के रिसर्चरों ने 1969 में एक ऐसा सिस्टम तैयार किया जिसके इस्तेमाल से डेटा को एक जगह बैठे-बैठे किसी दूसरे कंप्यूटर में भेजा जा सकता था, उस समय इस सिस्टम का नाम रखा गया ARPANET जिसको आज हम लोग इंटरनेट के नाम से जानते हैं.

धीरे-धीरे करके ARPA नें कंप्यूटर्स को तारों(केबलों) की सहायता से जोड़ते गये और इस तरह काम करते-करते ARPANET नें काफ़ी एरिया कवर कर लिया लेकिन अभी भी इसे इंटरनेट नहीं कहा जा सकता था क्योंकि अभी तक सभी कंप्यूटर्स एक ही नेटवर्क से कनेक्ट थे.

1983 से पहले तक एक नेटवर्क को दूसरे नेटवर्क से कनेक्ट करने का कोई भी Standard Way नहीं था जिसके कारण अलग-अलग नेटवर्क से कम्प्यूटरों को कनेक्ट नहीं किया जा सकता था और डेटा ट्रांसफ़र नहीं हो सकता था.

दो Different नेटवर्क को जोड़ने के लिए Vint Cerf और Bob Kehn जो की अच्छे कंप्यूटर वैज्ञानिक माने जाते हैं, इन्होंने TCP(Transmission Control Protocol) / IP(Internet Protocol) को बनाया जिससे दो अलग-अलग नेटवर्क को आपस में जोड़ा जा सकता था.

1981 – आगे चलकर आया CNET जिसको NSF(National Science Foundation) नें बनाया था, NSF भी ARPA जैसी एक एजेंसी थी जिसने CNET को बनाया जिससे ARPANET का विकास अधिक हुवा.

1983 – ARPANET को दो भागों में बाँट दिया जिसमें एक भाग मिलिट्री के लिये था जिसको MILNET कहा गया और दूसरा ARPANET था जिसको आम आदमी इस्तेमाल कर सकता था.

1986 – NSFNET 1986 में आया जो कि उस समय सबसे ज़्यादा स्पीड देने वाला नेटवर्क था.

NSFNET के बाद और भी कई नेटवर्क आये जिन्होंने स्पीड पर काफ़ी ध्यान दिया और ऐसे करते करते 1995 तक US में इंटरनेट का commercialized पूरी तरह से हो गया.

1998 – लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने 1998 में एक search engine की शुरुआत करते हुए Google की स्थापना की, जो अधिक सटीक और relevant search results प्रदान करता है. Google के इनोवेशन ने हमारे नेविगेट करने और इंटरनेट पर जानकारी search करने के तरीके को बदल दिया और Google search engine के बारे में और ज़्यादा बताने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि इसके बारे में पूरी दुनियाँ जानती है.

2004 – इस साल में कुछ ऐसा हुवा जिसके कारण आज कुछ लोगों का पूरा इंटरनेट इसी में खपत हो रहा है क्योंकि 2004 में Mark Zuckerberg ने अपनी सोशल मीडिया साईट Facebook को लॉंच किया था जो कि आज दुनियाँ की सबसे बड़ी सोशल मीडिया साइटों में से एक है.

Facebook के आने के बाद लोगों नें इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीक़ा ही बदल दिया.

Conclusion

इंटरनेट की शुरुवात होने के बाद से यह एक लंबा सफर तय कर चुका है. ARPANET के बनने से लेकर वर्ल्ड वाइड वेब के जन्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जन्म तक, प्रत्येक जगह और हर साल नें इंटरनेट को आकार देने और इसकी मज़बूती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो आज है – एक Powerful tool जिसने दुनिया को बदल कर रख दिया है.

दोस्तों बिना इंटरनेट के घर बैठे काम करने की सोचना भी मुमकिन नहीं था लेकिन इंटरनेट के कारण आज काफ़ी लोग घर बैठे काम कर रहे हैं.

आज के आर्टिकल में आपने पढ़ा की इंटरनेट कि शुरुवात कहाँ से हुई और इंटरनेट कैसे आज पूरी दुनिया के काम में आ रहा है और यह बात सच भी है क्योंकि आजकल बिना इंटरनेट के कोई भी काम सही से नहीं हो सकता है, कोई भी काम हो अंत में वह इंटरनेट से जुड़ा ही होता है किसी ना किसी तरीक़े से.

उम्मीद है आज के आर्टिकल History of Internet में आपने कुछ नया पढ़ा होगा.

धन्यवाद….

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