ई-कॉमर्स क्या है, Ecommerce kya hai

Ecommerce kya hai – क्या आप जानते हैं ecommerce kya hai और ecommerce कैसे काम करता है, अगर नहि जानते है तो आज का आर्टिकल अंत तक ज़रूर पढ़े |

दोस्तों व्यापार दो प्रकार से किया जा सकता है एक offline और एक online इन दोनों तरीक़े के व्यापार का एक ही मक़सद होता है पैसा कमाना | Offline business और online business दोनो में समान को ख़रीदा ओर बेचा जाता है |

ecommerce को एलेक्ट्रोनिक कॉमर्स भी कहते हैं क्योंकि ecommerce इंटर्नेट के माध्यम से चलता है ecommerce business offline business से अलग होता है जिसके बारे में नीचे आपको detail से बताया गया है |

E-commerce या फिर electronic commerce में internet के ज़रिए online service या फिर online product को ख़रीदा ओर बेचा जाता है |

दोस्तों E-commerce कुछ technologi पर आधारित होता है जैसे की –

  1. मोबाइल कॉमर्स,
  2. इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर,
  3. सप्लाई चेन मैनेजमेंट,
  4. इंटरनेट मार्केटिंग,
  5. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन प्रोसेसिंग,
  6. इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज (ईडीआई),
  7. इन्वेंट्री मैनेजमेंट सिस्टम,
  8. ऑटोमेटेड डेटा कलेक्शन आदि |

ये सभी technologi internet पर निर्भर करती है | आइए दोस्तों E-commerce के बारे में आगे हम और गहराई से बात करते हैं |

Ecommerce kya hai(what is ecommerce)

जैसे कि दोस्तों आपने ऊपर पढ़ा की ecommerce को इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या इंटरनेट कॉमर्स भी कहा जाता है | online वस्तुओं को ख़रीदना ओर बेचना ecommerce कहलाता है |

ई-कॉमर्स की शुरूवात लगभग physical प्रोडक्ट को ख़रीदने और बेचनें के लिए किया गया था लेकिन आज के टाइम में लगभग सभी तरह के product या service ecommerce के ज़रिए ख़रीदे ओर बेचे जाते हैं |

दोस्तों ecommerce के इतिहास में सबसे पहली बिक्री American retail platform के ज़रिए बैंड स्टिंग ने अपनी वेबसाइट NetMarket से एक CD अपनें दोस्त को 11 अगस्त, 1994 को बेची और पहली बिक्री हुई |

11 अगस्त, 1994 को यह एक पहला example था जब कोई ग्राहक वर्ल्ड वाइड वेब या ईकॉमर्स के ज़रिए किसी व्यवसाय से सामान ख़रीदा है, आज के टाइम में ऑनलाइन सामान ख़रीदना और बेचना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन उस टाइम ये बहूत बड़ी बात थी |

दोस्तों तब से लेकर ई-कॉमर्स ऑनलाइन retailers विक्रेताओं और marketplaces के ज़रिए प्रोडक्टों को discover करने और ख़रीदनें में आसान बनाने के लिए विकसित हुआ और ई-कॉमर्स का सबसे ज़्यादा फ़ायदा छोटे व्यापारियों और फ्रीलांसरों को मिला क्योंकि ई-कॉमर्स ही एक ऐसा साधन है जिससे व्यवसाय को बड़े पैमाने पर ले ज़ाया जा सकता है |

दोस्तों अगर बात करें Global retail ecommerce के बिक्री की तो 2020 तक लगभग 27 ट्रिलियन डॉलर तक बिक्री का अनुमान है, तो इससे आपको पता चल गया होगा की ई-कॉमर्स में कितनीं ज़्यादा शक्ति है |

अब आगे हम बात कर लेते हैं की ई-कॉमर्स कितने प्रकार का होता है |

ई-कॉमर्स के प्रकार (Types of Ecommerce)

दोस्तों ईकॉमर्स के चार मुख्य प्रकार होते हैं जो की ग्राहकों और व्यपारियों के बीच होने वाले लगभग हर लेनदेन को बता सकते हैं, इसलिए आगे आप पढ़ने वाले हैं ई-कॉमर्स के प्रकार (Types of Ecommerce.)

ecommerce kya hai
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  1. Business to Consumer (B2C)
  2. Business to Business (B2B)
  3. Consumer to Consumer (C2C)
  4. Consumer to Business (C2B)

Business to Consumer (B2C)

दोस्तों जब कोई business individual(व्यक्तिगत) तौर पर कोई प्रोडक्ट या सर्विस बेचता है तो उसे B2C कहते हैं जैसे की हम किसी online retailer से एक जोड़ी चप्पल या फिर एक जोड़ी कपड़े ख़रीदते हैं |

B2C इंटरनेट पर ई-कॉमर्स का रिटेल पार्ट होता है और यह तब होता है जब business सीधे ही customers को कोई प्रोडक्ट, सर्विस या फिर कोई जानकारी बेचते हैं |

दोस्तों आज के टाइम में इंटरनेट पर अनगिनत वास्तविक स्टोर और मॉल हैं जहाँ पर सभी प्रकार के सामान मिलते हैं | इंटरनेट पर काफ़ी साइट्स हैं जो यह काम करती है और इन साइटों का सबसे मान्यता प्राप्त उदाहरण Amazone है जो की B2C बाजार पर हावी है |

Business to Business (B2B)

दोस्तों जब कोई business किसी दूसरे business को सामान या सर्विस बेचता है तो उसे Business to Business कहा जाता है, अगर सरल भाषा में बात करें तो B2B किसी business ओर customer के बिच के बजाय business के बिच products, services और information का इलेक्ट्रॉनिक रूप से आदान-प्रदान करना है |

इसके अलावा दोस्तों कुछ साल पहले 2017 में फॉरेस्टर रिसर्च ने एक भविष्यवाणी की थी कि 2021 तक अमेरिका में B2B ecommerce मार्केट 1.1 ट्रिलियन डॉलर का होगा, जो देश में सभी B2B sales का 13% है |

Consumer to Consumer (C2C)

दोस्तों जब कोई customer किसी दूसरे customer को सामान या फिर कोई सर्विस बेचता है तो उसे Consumer to Consumer (C2C) कहते हैं जैसे की Flipkart की एक वेबसाइट है 2gud जिसमें secound hand सामान मिलता है जहाँ कोई भी कस्टमर सामान ख़रीद सकता है |

इसके अलावा C2C का एक ओर अच्छा example है OLX जिसमें कोई भी customer अपनें सामान को दूसरे कस्टमर को बेच सकता है |

Consumer to Business (C2B)

दोस्तों जब कोई customer अपने product या फिर service को किसी दूसरी कम्पनी को या business को बेचता है तो उसे Consumer to Business (C2B) कहा जाता है |

उदाहरण के तौर पर अगर कोई व्यक्ति वेब डिज़ाइनर है और वह एक वेब्सायट की डिज़ाइन को किसी दूसरी कम्पनी को बेचता है तो वह Consumer to Business की श्रेणी में आएगा |

ईकॉमर्स के उदाहरण (Examples of Ecommerce)

दोस्तों ईकॉमर्स business और customer के बिच अलग-अलग प्रकार से सम्बंध होते हैं जिनके बारे में आप नीचे पढ़ने वाले हैं |

  1. Retail
  2. Wholesale
  3. Dropshipping
  4. Crowdfunding
  5. Subscription
  6. Physical products
  7. Digital products
  8. Services

आइए दोस्तों अब आगे इनके बारे में गहराई से बात करते हैं |

Retail

किसी business द्वारा किसी product को बिना किसी बिच वाले के सीधे ही customer को देना retail कहलाता है जैसे कि हम किसी दुकान में जाते हैं और कोई सामान ख़रीदते हैं तो हमारे सामान ख़रीदने और payment करने के बिच कोई नहि होता सिवाय दुकान के मालिक के, तो दोस्तों यही रीटेल है |

Wholesale

इसमें दोस्तों प्रोडक्टों को bulk में या एक साथ थोक में बेचा जाता है जिसको बाद में retailer customer को बेच देता है, दोस्तों होलसेलर का काम होता है अलग-अलग कम्पनीयों से माल को ख़रीदना और फिर उस माल को छोटे-छोटे दुकानदारों को बेचना |

Dropshipping

Dropshipping में एक ऑनलाइन स्टोर होता है जिसमें किसी कम्पनी द्वारा प्रोडक्ट बेचे जाते हैं और उनकी पैकिंग और delivery कोई दूसरी कम्पनी करती है यानी third party पैकिंग करती है |

Crowdfunding

किसी product को market में लाने के लिए आवश्यक startup पूंजी जुटाने के लिए customer से maney का collection करना है |

Subscription

जब तक ग्राहक cancle करने का option नहीं चुनता है तब तक नियमित रूप से किसी प्रोडक्ट या सर्विस की automatic आवर्ती खरीद ही Subscription है |

Physical products

कोई भी Physical products जिसके लिए inventory को फिर से भरने की आवश्यकता होती है और sale के रूप में customer को Physical रूप से भेजने के order दिए जाते हैं |

Digital products

Digital products में वो प्रोडक्ट आते हैं जिसका इस्तेमाल हम इंटर्नेट के ज़रिए कर सकते हैं जैसे कोई कोर्स है या कोई templete है या फिर कोई फ़ोटोग्राफ़र की image है जो की लाइसेन्स के ज़रिए इस्तेमाल में आती है |

Services

पैसों के बदले में दी जाने वाली सेवाओं को services कहते हैं ये बिना पैसों के भी दी जा सकती है लेकिन लगभग इसका एक ही मक़सद होता है पैसा |

ईकॉमर्स के फ़ायदे और नुक़सान

ecommerce kya hai के आर्टिकल में आगे हम बात कर लेते हैं की इसके फ़ायदे क्या हैं ओर नुक़सान क्या है क्योंकि कोई भी काम हो उसमें एक तरफ़ फ़ायदा होता है तो दूसरी तरह नुक़सान होता है और फ़ायदे ओर नुक़सान एक ही सिक्के के दो पहलू है |

Advantages of ecommerce(ईकॉमर्स के फ़ायदे)

ईकॉमर्स के फ़ायदे काफ़ी है जिनके बारे में detail से आप नीचे पढ़ सकते हैं |

  1. Availability
  2. Speed of access
  3. Wide availability
  4. Easy accessibility
  5. International reach
  6. Lower cost

Availability(उपलब्धता)

दोस्तों ईकामर्स में अच्छे रखरखाव के अलावा जो ईकामर्स वेबसाइटें हैं वो 24×7 खुली रहती है जिससे कोई भी इंसान किसी भी प्रोडक्ट की जानकारी कभी भी ले सकता है और ख़रीद सकता है | ईकामर्स उन business में से नहीं है जो एक सीमित टाइम तक खुले रहते है ये buisness हमेशा खुले ही रहते हैं जिससे किसी भी कस्टमर को कोई भी परेशानी नहीं होती है |

Speed of access

दोस्तों अगर हम किसी बड़े दुकानदार के पास जाते हैं या फिर किसी माल में जाते हैं सामान ख़रीदने के लिए तो हो सकता है वहाँ भिड़ ज़्यादा हो जिससे हमारी बारी आनें में घंटो लग सकते हैं लेकिन ईकामर्स में ऐसा नहीं है, ईकामर्स वेबसाइटों पर प्रोडक्ट पेज और कार्ट पेज लोड होनें में जितना समय लगता है बस उतने समय ही हमें इंतज़ार करने की ज़रूरत है, तो ईकॉमर्स से हम सिर्फ़ 5 मिनट में ख़रीददारी कर सकते हैं |

Wide availability

“Earth’s Biggest Bookstore” यह नारा amazone का था क्योंकि amazone को ईकॉमर्स की शक्ति का पता था और इसी शक्ति का फ़ायदा उठाते हुए amazone आज दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइटों में से एक बन गयी है |

ईकॉमर्स website से business को scale किया जा सकता है कोई offline store के मुक़ाबले क्योंकि ईकॉमर्स से product और service की पहुँच काफ़ी लोगों तक होती है |

Easy accessibility

अगर किसी दुकानदार के पास से सामान मँगवाया जाए तो उस सामान के आने का सही समय हमें पता नहीं होता है जिससे कस्टमर को काफ़ी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है लेकिन अगर हम ईकॉमर्स website से ख़रीददारी करते हैं तो हम उस सामान पर पूरी निगरानी रख सकते हैं यानी हम हमारे order किए गये सामान को track कर सकते हैं |

International reach

दोस्तों offline business सिर्फ़ उन customers को सामान बेचता है जो physically तौर पर उनकी दुकान पर या स्टोर पर आते हैं लेकिन ईकामर्स पर ऐसा नहि है, ecommerce business में कोई भी customer किसी भी जगह किसी भी टाइम order कर सकता है और अपना सामान प्राप्त कर सकता है |

Lower cost

आपनें एक चीज तो नोटिस की होगी की जब हम किसी दुकान से कोई सामान ख़रीदते हैं तो उसमें हर चीज की price ज़्यादा होती है लेकिन अगर उसी चीज को हम ऑनलाइन चेक करे तो प्राइस कम होती है दुकान के मुक़ाबले |

इतना ही नहीं ईकॉमर्स वेबसाइटों पर हर त्योहार पर सेल भी होती है जिसमें हर सामान पर कुछ ना कुछ छूट दी जाती है जिससे कस्टमर को एक दुकान से ज़्यादा डिस्काउंट मिलता है |

Disadvantages of ecommerce(ईकॉमर्स के नुक़सान)

ईकॉमर्स के फ़ायदों के अलावा कुछ नुक़सान भी है जिसके बारे में आप नीचे डिटेल में पढ़ सकते हैं |

  1. Limited customer service
  2. lack of good quality
  3. Wait time
  4. Security

Limited customer service

दोस्तों अगर किसी physical store के सामान से कोई परेशानी है तो customer उस स्टोर के मालिक, manager, या कशीयर से बात कर सकता है लेकिन ऑनलाइन साइटों में ग्राहक सेवा कम होती है और अगर कोई customer कोई product की शिकायत करता भी है तो उस customer के पास उस ख़राब product का सबूत भी होना चाहिए, तभी आगे कुछ हो सकता है |

Wait time

दोस्तों अगर कोई customer किसी दुकान पर जाता है ओर उसे कोई प्रोडक्ट पसंद आता है तो वह कस्टमर पेमेंट करता है और उस सामान को अपने घर ले जाता है लेकिन ईकॉमर्स में ऐसा नहीं है आपके ऑर्डर करने के बाद आपके घर तक delivery करने में समय लग सकता है हालाँकि कुछ बड़ी वेबसाइटें एक या दो दिन में delivery कर देती है लेकिन फिर भी आपको एक दिन तो इंतज़ार करना ही पड़ेगा |

Security

ईकॉमर्स ख़रीददारी में security का ख़तरा आज-कल बढ़ता जा रहा है क्योंकि Skilled hackers काफ़ी हैं जो किसी बड़ी वेबसाइट की कॉपी बनाकर customer को गुमराह कर सकते हैं और customers को चुना लगा सकते हैं |

आजकल इस तरह के scame काफ़ी हो रहे हैं जहाँ customer के क्रेडिट कार्ड की या फिर बैंक डिटेल लेकर हैकर कस्टमर के पैसों को ठग कर फ़रार हो जाते हैं |

Framework of e commerce

दोस्तों आज के टाइम में एक नहीं काफ़ी अलग-अलग ecommerce के framework हैं जिनकी सहायता से एक ecommerce website बनाई जा सकती है बड़ी ही आसानी से, कुछ ecommerce plateform की detail आप नीचे पढ़ सकते हैं |

Best Ecommerce Frameworks

आज बाजार में बहुत सारे ईकॉमर्स Framework हैं, लेकिन जो आपके लिए सही है वह आपके business model, product की पसंद आदि पर निर्भर करता है इसलिए आइए आगे जानते हैं Best Ecommerce Frameworks कोन-कोनसे हैं |

  1. BigCommerce
  2. Shopify
  3. Magento
  4. Volusion
  5. Shift4Shop
  6. Woocommerce
  7. Kibo
  8. Salesforce Commerce Cloud (Demandware)
  9. Squarespace
  10. Wix

Conclusion

दोस्तों ecommerce kya hai के आर्टिकल में आज आपने सिखा ecommerce kya hai, ई-कॉमर्स के प्रकार (Types of Ecommerce), ईकॉमर्स के उदाहरण (Examples of Ecommerce) और ईकॉमर्स के फ़ायदे और नुक़सान के बारे में |

ऊम्मीद है दोस्तों ecommerce kya hai के आर्टिकल से आपकी कुछ सहायता हुई होगी और ये आर्टिकल आपको helpful लगा होगा | अगर आपको ये आर्टिकल helpful लगा है तो इसे अपने दोस्तों के साथ share ज़रूर करें और इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए इस वेबसाइट से जुड़े रहें |

धन्यवाद….

2 thoughts on “ई-कॉमर्स क्या है, Ecommerce kya hai”

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